कोरोना रोगी के लिए DRDO द्वारा विकसित दवा 2-deoxy-d-glucose (2-डीजी)
डीआरडीओ ने 2-deoxy-d-glucose दवा को आपातकालीन उपयोग हेतु आज्ञा प्रदान की है। इस दवा को हैदराबाद स्थित फार्मा कम्पनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज में बनाया जायेगा जो की भारत के औषधि महानियंत्रक डीआरडीओ द्वारा कोरोना संकर्मण में इमरजेंसी उपयोग की लिए बनायी गयी है।
What is “2-deoxy-d-glucose 2-डीजी”
2-deoxy-d-glucose दवा को DRDO के अधीन, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरी द्वारा संयुक्त रुप से विकसित किया गया है। इस दवा पर शोध अप्रैल 2020 से चल रहा था। वर्तमान में इसका इस्तेमाल सिर्फ हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों हेतू ही स्वीकृत किया गया है। यह आपको बाज़ार में नहीं मिलेगी।
दावा किया जा रहा है की 2-deoxy-d-glucose दवा वायरस को बढ़ने से रोकने में मददगार है। शनिवार को रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। कोविड रोधी इस दवा का नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) रखा गया है। इसका इस्तेमाल करने से कोरोना के गंभीर मरीजों की रिकवरी के गति में वृद्धि होती है। जिसके साथ मरीज की ऑक्सीजन निर्भरता भी कम होती है। ये दवा मरीज को जल्दी ठीक करने में सक्षम पायी गयी है।
डीआरडीओ ने कोविडरोधी दवा 2-deoxy-d-glucose 2-डीजी को पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, मरीज इसे पानी में घोल कर पीना होता है।
कैसे करती है काम 2-deoxy-d-glucose 2-डीजी
डीआरडीओ की 2-डीजी दवा वायरस से संक्रमित cells में जमा हो जाती है और वायरस को आगे अन्य कोशिकाओं में पहुँचने से रोकती है।ये दवा संक्रमित cells को पहचान कर उसकी वृद्धि पर अंकुश लगाती है जो इसे बहुत विशेष बनती है। दवा का सेवन शरीर में वायरल लोड को कम करता है।
- यह दवा सैशे में पाउडर के रूप में आती है।
- इस पाउडर को पानी में घोल कर दिया जाता है।
- मरीज को यह घोल पीने के लिए दिया जाता है ।
2-deoxy-d-glucose दवा SARs-CoV-2 वायरस के खिलाफ प्रभावशाली है और वायरल बढ़ने को रोकती है। इन परिणामों के आधार पर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने मई 2020 में कोरोना के रोगियों में 2-डीजी के चरण-2 के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दी।
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2-deoxy-d-glucose 2-डीजी ट्रायल Report
मई से अक्टूबर 2020 के दौरान किए गए चरण- II परीक्षणों (डोज रेजिंग समेत) में दवा कोविड-19 रोगियों में सुरक्षित पाई गई और ये दवा 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों में असरकारक रही । 1 मई, 2021 को DCGI ने गंभीर कोरोना मरीजों पर इस दवा के इमरजेंसी उपयोग की अनुमति प्रदान की। यह दवा ग्लूकोज के एक सामान्य अणु और एनालॉग से बनायीं गयी है जिससे भविष्य में इसे आसानी से उत्पादित किया जा सकता है और देश में ज्यादा से ज्यदा मात्रा में उपलब्ध भी कराया जा सकता है।
एक महीने में होगी मरीजों को उपलब्ध
अनुमति के बावजूद इस दवा को एक महीने तक सभी हॉस्पिटल में उपलब्ध कराया जायेगा। भारतीय औषध महानियंत्रक (DCGI) इस दौरान बड़े पैमाने पर उत्पादन और वितरण जैसी तैयारियां कर रहा है, इसके साथ केंद्र सरकार भी इस दवा को जमाखोरी से बचाने के लिए जिला प्रशासनों के जरिये अस्पतालों में उपलब्ध करवाना चाहती है ।
DCGI को इस दवा से बहुत उम्मीदें हैं क्योंकि ये संक्रमित कोशिकाओं में इसके प्रभाव को देखते, बहुत मरीजों की जान बचने की उम्मीद है। इसके साथ लोगों की भीड़ भी हॉस्पिटल से कम होगी।