साल का पहला ग्रहण 26 मई को: वैशाख महीने की पूर्णिमा पर लगेगा आंशिक चंद्रग्रहण
2021 का पहला चंद्रग्रहण 26 मई को लगेगा। वैशाख पूर्णिमा पर लगने वाला ये चंद्र ग्रहण धार्मिक और ज्योतिष के दृष्टि से बड़ा महत्वपूर्ण है। इस समय चंद्रमा की स्थिति वृश्चिक राशि में होगी और ये चंद्र-ग्रहण दोपहर को 2.16 से शुरू होकर शाम को करीब 7.21 पर खत्म पूर्ण होगा।
26 मई को लगने वाला ये ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण है, शाम के समय जब चंद्रमा का उदय होगा तो ये भारत की चुनिन्दा जगहों से ही देखा जायेगा इसलिए भारत में आंशिक चंद्रग्रहण कहलाएगा। चन्द्र-ग्रहण का सूतक असर रहेगा, इस वर्ष का अगला और इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लगेगा।
ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों की जन्मकुंडली में चन्द्र+राहु अथवा चन्द्र+केतु हों उन्हें चन्द्र ग्रहण काल मे भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, और इस दिन चंद्र ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करना चाहिए। अपने माता जी के चरण स्पर्श कर शुभ आशीष ले ताकि आपके सारे कष्ट धीरे धीरे खत्म हो जायेगे दीर्घ कालीन सुख का बास होगा।
26 मई को क्या करें
भारत में ग्रहण की स्थिति में पूजा पाठ और इष्ट अराधना की जाती है ताकि ग्रहण का मन पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े। क्योंकि एस्ट्रोलॉजी की दृष्टि में ऐसे घटनाचक्र अपना अलग महत्व रखते हैं। इस दिन जल्दी स्नान करके, ग्रहण के समय में अपने इष्ट देव या देवी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
ग्रहण के समय मूर्तियों को हाथ नहीं लगाना चाहिए। ग्रहण के दौरान दान-पुण्य करना चाहिए। अगर आप दान न करने की स्थिति में हो तो दान का संकल्प लेकर अगले दिन दान करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने पर घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए। फिर एक बार और नहाएं। ऐसा करने से शुभ फल मिलता है। ग्रहण काल में खाना पीना और सोना पूर्णतया वर्जित होता है।
चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण में क्या अन्तर है?
- चंद्रग्रहण पूर्णिमा को होता है जबकि सूर्यग्रहण अमावस को।
- चंद्रग्रहण के समय चन्द्रमा और सूर्य के बीच में धरती आ जाती है और सूर्यग्रहण के वक्त धरती और सूर्य के बीच चन्द्रमा आ जाता है।
- सूर्यग्रहण दिन के वक्त होता है और चंद्रग्रहण रात में।
- एक सूर्यग्रहण पृथ्वी के थोडेही जगहों से देखा जाता है लेकिन एक चंद्रग्रहण का क्षेत्र उससे बड़ होता है।
चंद्रग्रहण की वारंवारता सूर्यग्रहण से ज्यादा होती है। - सूर्यग्रहण को देखने के लिए स्पेशल चश्मों की जरुरत होती है वरना दृष्टि को नुक्सान पहुंच सकता है। लेकिन चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से भी से देखा जा सकता है।
कहा-कहा दिखेगा चंद्रग्रहण
पूरी दुनिया में इस ग्रहण को देखा जायेगा, जो कि भारत में आंशिक तौर से लगेगा। भारत के उत्तर-पूर्व हिस्सों में दिखाई देगा। सिक्किम, उत्तर-पूर्व हिस्सों और प. बंगाल की कुछ जगहों पर ग्रहण को आंशिक देखा जा सकेगा। इसके अतिरिक्त दक्षिणी-उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में भी चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा।
इस साल 2 चंद्र और 2 सूर्यग्रहण
साल के दो चन्द्र ग्रहण जो की 26 मई और दूसरा 19 नवंबर को लगेगा, दोनों ही चंद्र ग्रहण भारत के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में देखे जायेंगे। इसके अतिरिक्त इस साल 2 सूर्यग्रहण भी हैं इनमें पहला 10 जून को और दूसरा 4 दिसंबर को रहेगा जो भारत में नहीं दिखेंगे। इसलिए इनका असर भारत पर नहीं पड़ेगा। पूरी दुनिया में कुल 4 ग्रहण रहेंगे जिसमें दो चंद्रग्रहण, एक वलयाकार सूर्यग्रहण और एक पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा।