क्या आप जानते हैं हमारे शरीर का कौन सा भाग कटने के बाद फिर बन जाता है
वैसे तो मनुष्य का शरीर ऐसी मशीन है जिसको बनाने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता, ये कार्य सिर्फ कुदरत कहे या भगवान् द्वारा ही बनायीं कोई जादूगरी है। अगर आप शरीर को गौर से अध्य्यन करेंगे तो बहुत सी अद्भुत जानकारियाँ मिलेंगी। आइये जानते हैं ऐसे ही शरीर के एक अंग के बारे में जो कटने के बाद पुन: अपने स्वरूप में आ जाता है।
शरीर का यह महत्वपूर्ण अंग है लिवर- जी हाँ लिवर मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और त्वचा के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंग है। शरीर में यदि लिवर हड़ताल कर दे तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। लिवर का वजन 1.5 से लेकर 2.5 किलोग्राम तक हो सकता है। आप जानते हैं की यदि किसी व्यक्ति का लिवर ख़राब हो जाता है तो उस ख़राब हिस्से को सर्जरी से काट कर अलग कर दिया जाता है, इसे लिवर ट्रांसप्लांट कहते हैं। आइये जानते हैं लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में….
What is Liver Transplant?
लीवर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे लिवर का वह हिस्सा जो काम नही कर रहा हो उसे काट कर अलग कर दिया जाता है और इसे किसी मृत या जीवित डोनर (अंगदान कर्ता) के स्वस्थ लिवर से एक हिस्सा काट कर लगा दिया जाता है।
मानुष शरीर में लिवर ही ऐसा अंग है जो पुनर्जन्म कर सकता है या फिर से अपनी बनावट में आ सकता है। लिवर ट्रांसप्लांट में दानकर्ता के स्वस्थ लिवर का 25% मूल ऊतक रोगी के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इसके बाद लगभग 6-8 हफ़्तों में लिवर अपने मूल आकार में आ जाता है। 2009 जर्नल ऑफ सेल फिजियोलॉजी
https://www.mayoclinic.org/
Liver Functions in body
आपका लीवर आपका सबसे बड़ा आंतरिक अंग है और कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिनमें शामिल हैं:
- पित्त का उत्पादन, जो शरीर को Fat, कोलेस्ट्रॉल और वसा में घुलनशील Vitamin को अवशोषित करने में मदद करता है
- रक्त का थक्का बनाने में मदद करने वाले प्रोटीन बनाना
- Blood Detox रक्त को शुद्ध करता है
- Infection को रोकना और Immune System को विनियमित करना
लिवर ट्रांसप्लांट उन मरीजो के लिए वरदान साबित होता है जिनका लिवर पूरी तरह से डैमेज हो चुका होता है। दुनिया में लीवर ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा कर रहे लोगों की संख्या डोनर (मरने के बाद अंगदान करने वाले) की संख्या से बहुत अधिक है।
जीवित-डोनर सर्जरी की प्रकिर्या से अपने लिवर का कुछ हिस्सा बीमार व्यक्ति को दान करते हैं, हर देश में ऐसी व्यवस्था कानून के हिसाब से अलग अलग होती है।
लिवर ट्रांसप्लांट लिवर cancer के रोगियों में किया जाता है। Acute लिवर फेलियर एक बहुत ही तेज़ी से लिवर फेल होनी की कंडीशन है, जिसमे कुछ ही हफ्तों में लिवर फेल हो जाता है। ऐसे रोगियों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट करवाना बहुत जरूरी हो जाता है।
कैसे पता करें लिवर ख़राब होना शुरू हो चुका है – जानते हैं शुरुआती लक्षण
क्या कोई भी लिवर डोनेट कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से लिवर डोनेट कर सकता है लेकिन अगर किसी लालच या दबाव में आकर किया गया लिवर डोनेशन गैर कानूनी है और इसमें सजा भी हो सकती है।
Family Members and Friend
यदि Donor Blood-Relation में होता है तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपका ब्लड ग्रुप और रोगी का ग्रुप आपस में अच्छा मेल होगा। इसके साथ डोनर की आयु और स्वास्थ्य की भी जाँच की जाती है।
Blood Type for Liver Transplant
जिनका ब्लड ग्रुप टाइप O है, तो ऐसे व्यक्ति किसी को भी लिवर डोनेट कर सकते हैं इन्हें “सार्वभौमिक दाता” कहा जाता हैं और वो किसी को भी दान कर सकते हैं (हालाँकि टाइप O लीवर प्राप्तकर्ता केवल उन्हीं लोगों से अंग प्राप्त कर सकते हैं जो टाइप O हैं)।
इसी तरह यदि ब्लड ग्रुप Type A हैं, तो आप उन लोगों को दान कर सकते हैं जो Type A और Type AB भी हैं।
Type B ब्लड ग्रुप दूसरे Type B और Type AB को डोनेट कर सकते हैं। Type AB ब्लड ग्रुप वाले लोग उसी ब्लड ग्रुप वाले लोगों को डोनेट कर सकते हैं।
आपका Rh factor Negative Positive से कोई कोई फर्क नहीं पड़ता।
अगर पहले से है गंभीर बीमारी तो वैक्सीन लगवाने में बरतें सावधानी