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क्या आयुर्वेद में एसिडिटी (acid reflux) का इलाज है?

acid reflux एसिडिटी
31 Mar

क्या आयुर्वेद में एसिडिटी (acid reflux) का इलाज है?

आजकल की जीवनशैली के कारण एसिडिटी या  Acid Reflux होना आम हो गया है। इसके अलावा अनियमित भोजन, तेल और मसालेदार भोजन और कुछ नशे वाले पानी का अधिक सेवन होता है। लगातार एसिडिटी की समस्या होने पर ब्लड प्रेशर या शुगर की बीमारी भी हो सकती है।

What is Acid Reflux?

अम्लता या एसिडिटी तब होती है जब पेट की गैस्ट्रिक ग्रंथियों में एसिड का अधिक स्राव होता है, जिससे गैस, बदबूदार सांस, और पेटदर्द हो सकता है |

सीने में जलन के अलावा, एसिड रिफ्लक्स के सामान्य लक्षणों में मुंह के पीछे अम्लीय स्वाद और निगलने में कठिनाई शामिल है। कुछ और लक्षण जैसे खांसी, अस्थमा, दांतों का क्षरण और साइनस में सूजन भी एसिडिटी से पैदा हो सकते हैं|

Mixture for acid reflux

एसिडिटी होने पर त्रिफला, खाने का सोडा, नींबू का रस व काला नमक कूट व छान कर शीशी में भर कर रख लें। रात में 10 ग्राम चूर्ण पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उठकर उसे छान कर पी लें। इसके सेवन के एक घंटे के बाद ही कुछ खाएं या पिये। इसके अलावा दिन में ठंडा दूध, चावल, हरी पत्ते दार सब्जियां, मीठे फल खाएं आदि ही खाएं।

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एसिडिटी (acid reflux) का इलाज

10 Natural food items to stop Acid reflux

  1. ठंडा दूध Cold Milk
  2. मठ्ठा (छाछ) Butter Milk
  3. आंवला Indian Gooseberry
  4. गुड़ (जैगरी) Jaggery
  5. मुलेठी Licorice/ Liquorice
  6. एलोवेरा Aloe Vera
  7. त्रिफला चूर्ण Trifla Powder
  8. नारियल पानी Coconut Water
  9. केला Banana
  10. किशमिश Raisins

1.) ठंडा दूध – दूध में अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है जो pH संतुलन बनाये रखने में और पाचनक्रिया में मदद करता है। यही कारण है कि ठंडा दूध आपको एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्स Acid Reflux के दौरान होने वाली जलन से तुरंत राहत प्रदान कर सकता है।

2. मठ्ठा (छाछ) : छाछ पेट में एसिड बनने में एक एंटीडोट (विष हारक औषधि) की तरह कार्य करता है। एक गिलास ठंडे छाछ का सेवन पेट के लिए जादु की तरह कार्य करता है और पेट में ठंडक प्रदान करता है। छाछ में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड पेट में एसिडिटी के लक्षण और जलन को कम कर देता है। मसालेदार और भारी भोजन करने के बाद स्वयं को एसिडिटी से छुटकारा दिलाने के लिए यह एक प्रोबायोटिक पेय है।

3.) आंवला – आयुर्वेद में आंवला एक सात्विक भोजन माना जाता है जिसका हमारे शरीर पर समग्र रूप से प्रभाव पड़ता है, जो एसिडिटी के लिए एक प्राकृतिक बाधा बनाता है। आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा भी होती है जो पेट की लाइनिंग और अन्नप्रणाली को ठीक करने में मदद करता है और Acid Reflux को कम करता है।

4. गुड़ (जैगरी) : गुड़ पाचन के लिए अच्छा होता है। यह पेट में एसिडिटी को कम करता है और इसे अधिक क्षारीय बनाता है। भोजन के बाद गुड़ खाने की आदत बनाएं।

5. मुलेठी : एसिडिटी होने पर मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना चाहिए। इससे एसिडिटी में फायदा होता है।

6.) एलोवेरा – एलोवेरा के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पेट में सूजन को कम करते हैं और पाचन तंत्र को शांत करते हैं। सीने की जलन ठीक करने के लिए एलोवेरा जूस और एलोवेरा जेल का सेवन किया जा सकता है। भोजन से पहले एलोवेरा उत्पादों का सेवन आदर्श है क्योंकि यह भोजन के प्रभावी पाचन को बढ़ावा देता है।

7. त्रिफला चूर्ण : एसिडिटी होने पर त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करने से फायदा होता है। त्रिफला को दूध के साथ पीने से एसिडिटी समाप्त होती है।

8.) नारियल पानी – नारियल पानी पेट के एसिड के स्राव को सामान्य रखने में मदद करता है। इस जादुई पानी में उच्च फाइबर हैं जो अपच और एसिड रिफ्लक्स को रोकता है।

9.) केला : इस में मौजूद पोटैशियम, पेट की भीतरी दीवारों पर म्यूकस की सतह बनाता है, जो एसिड से होने वाले पेट के नुकसान से बचाती है और शरीर के पीएच स्तर को कम करती है। केले में अच्छी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है, जो पेट को ठीक से साफ करने में मदत करता है |

10.) किशमिश : किशमिश में आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे लाभकारी खनिजों की पर्याप्त मात्रा होती है। ये क्षारीय खनिज पेट में अम्लता के स्तर को संतुलित करने में मदत करते हैं।

Acid Reflux में इन बातों का रखे ध्यान

1. तीखा, मसालेदार खाना, गेहूँ, ब्रेड, पास्ता; खट्टे फल; मिर्च, लौंग ज्यादा न खाये

2. खाना समय पर खाये

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एसिडिटी के 12 लक्षण – 12 Symptoms of Acid Reflux

  1. क़ब्ज़- एसिडिटी से क़ब्ज़ की समस्या हो जाती है। कब्ज के दौरान खाना ढंग से पचता नहीं है और दस्त की समस्या हो जाती है।
  2. सास फूलने की समस्या – Acid Reflux होने से अस्थमा या सास फूलने की समस्या हो जाती है। जब पेट में आवश्यकता से अधिक ऐसिड की मात्रा उत्पादित होने लगती है तो डकार के माध्यम से अम्ल ग्रासनली से होता हुआ श्वसननली में प्रवेश कर जाता है जिससे कि सास फूलने की समस्या हो जाती है।
  3. गैस बनना – एसिडिटी होने पर पेट में अत्यधिक गैस बनती है।जिससे पेट दर्द की समस्या भी हो सकती है।
  4. पेट में जलन का एहसास।
  5. सीने में जलन।
  6. खाने पीने में कम दिलचस्पी।
  7. यदि अक्सर कब्ज रहती है तो यह संभवतः एसिडिटी का Symptom है।
  8. भोजन का ठीक तथा सामान्य समय मे पाचन न होना, पेट भारी-भारी रहना।
  9. कडुवी तथा खट्टी डकारें आना मुंह से दूर्गंध आना,गले मे जलन होना।
  10. डकार के साथ तीखा तथा खट्टा पानी गले मे उतर आना, भोजन के अरूचि होना।
  11. उलटी के साथ कडुवा, खट्टा व हरा झागदार पदार्थ निकलना।
  12. चक्कर आना, सिर दर्द ठीक न होना, शरीर मे भारीपन लगना, थकान का अनुभव होना।

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Jagdish Singh

Blogger

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