PCOS के लिए 10 Ayurvedic Herbs- आइये जानते हैं PCOS को कैसे खत्म करें…
महिलाओं में एक समस्या जो गंभीर रूप ले रही है वो है PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) है। PCOS से राहत पाने के लिए प्राकृतिक एंव आयुर्वेदिक उपचार हमेशा से ही अच्छा विकल्प रहा है। Ayurveda सिर्फ दवाएँ खाने तक सीमित नही है इसमें आपको जड़ी-बूटियों के साथ अपना lifestyle भी बदलना जरूरी है। आयुर्वेद दवाओं के सेवन से कहीं अधिक है।
क्या आयुर्वेद PCOS के इलाज में मदद कर सकता है?
PCOS के इलाज के लिए आयुर्वेद काफी कारगर है। PCOS के आयुर्वेदिक उपचार में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने के लिए जड़ी-बूटियों का उपयोग शामिल है। इसके लिए आपको विभिन्न प्रकार की थेरपी और संतुलित आहार बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है। ये सभी PCOS से संबंधित समस्याओं पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार Polycystic Ovarian Syndrome PCOS का क्या कारण है?
आयुर्वेद का दावा है कि मानव शरीर में तीन प्रकार के दोष होते हैं, वात, पित्त और कफ। मानवीय शरीर इनके समयोजन से काम करता है जो शरीर के भीतर घूमते रहते हैं और महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को करने में सहायता करते हैं। अगर तीनों ही शक्तियों (वात -पित्त-कफ़) में असंतुलन हो जाये तो शरीर में बीमारियों का कारण बनता है।
आयुर्वेद के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं दोनों में शुक्र धातु (वीर्य) होता है, जो प्रजनन स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने के लिए आवश्यक है। इसमें एण्ड्रोजन (पुरुष) और एस्ट्रोजन (महिला) हार्मोन होते हैं। इन हार्मोन के स्तर में कोई भी असंतुलन बांझपन का कारण बन सकता है।
पीसीओएस एक बहुआयामी etiopathogenesis एटिओपैथोजेनेसिस है। इसकी वजह तनाव, HPO axis में गड़बड़ी, hyperandrogenaemia हाइपरएंड्रोजेनेमिया या कुछ आनुवंशिक कारण भी हो सकते है। आमतौर पर, महिलाओं में जब हार्मोन असंतुलन होते हैं तो endrogen हॉर्मोन का अत्यधिक स्राव होता है, जिससे Ovaries में सिस्ट गांठे बनती हैं, जिसे मेडिकल terms में Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) के रूप में जाना जाता है।
Lifestyle – आयुर्वेद के अनुसार PCOS क्या खाएं और क्या न खाएं?
PCOS एक ऐसा रोग है जिसे आप सिर्फ दवाओं पर निर्भर रह कर खत्म नहीं कर सकते । आयुर्वेदिक उपचार में भी आपको कुछ parameters का पालन करने की आवश्यकता होती है। PCOS रोगियों के लिए कुछ do & don’ts बताये गए हैं, जिनका पालन जरूरी है
Milk & Milk Products
PCOS से पीड़ित महिलाओं या लडकियों को जितना हो सके दूध और उनसे बने सारे प्रोडक्ट्स (दही/आइसक्रीम/मिठाई) तुरंत बंद करने चाहिए। इसमें आप सिर्फ छाछ का सेवन कर सकते हैं। अगर आपको दूध पीना है तो कम फैट वाला दूध लिया जा सकता है। दूध की कफ़ प्रकृति को खत्म करने के लिए दूध को उबालते हुए उसमे चुटकी भर अदरक और हल्दी मिलायी जा सकती है।
Sleep
क्योंकि PCOS तनाव से उपजा भी हो सकता है इसलिए ये जरूरी करें की आपकी नींद नियमित होनी चाहिए और दोपहर में नहीं सोना चाहिए ताकि आपका नेचुरल स्लीप सायकल disturb न हो। कम से कम 8 घंटे की नीद जरूरी है।
Avoid Junk Foods
हर तरह के जंक फूड को अलविदा कहें। रेड मीट, डीप-फ्राइड भोजन के सेवन को प्रतिबंधित करने की सलाह दी जाती है। अगर आप मासाहारी है तो मछली का सेवन कर सकते है।
Sugary Products
चीनी और चीनी से बने प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए या उन्हें बंद कर देना चाहिए क्योंकि चीनी कफ को बढ़ाती है। आप इसके बजाय शहद का विकल्प चुन सकते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह कफ को कम करता है। PCOS वाली महिलाओं को sugar Intake सीमित करना चाहिए, और साथ में कैलोरी बर्न करने के इए exercise और योग करना चाहिए।
Flax Seeds & Nut
आपको अलसी Flax Seeds का सेवन जरूर करना चाहिए, बादाम, पाइन नट्स, चिलगोजा, हेज़लनट्स अखरोट पिस्ता pcos में अच्छे होते हैं। आप अपनी दिनचर्या में इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Potatoes and Sweet Potatoesआलू और शकरकंदी
भोजन में हलकी मात्रा में आलू या शकरकंद का सेवन करना चाहिए। क्योंकि आलू शरीर में रेजिस्टेंस शर्करा को बढ़ाते हैं जो पाचन तन्त्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए फायदेमंद है। इनका ज्यादा सेवन न करें, अत्यधिक सेवन से वजन बढ़ सकता है और Blood Sugar के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
Contraceptives
Oral/Hormonal गर्भ निरोधकों के अपने उपयोग को प्रतिबंधित करें। Restrict your use of oral or hormonal contraceptives. ये सब आपके होर्मोनेस को अनियमित करते हैं।
Fiber & Low GI foods
PCOS में आप कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) जिसमे शुगर कंटेंट कम से कम हो, के साथ संतुलित, उच्च फाइबर आहार लें। साबुत अनाज, अंकुरित फलियां, कम कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, Healthy Fatty oil जैसे नारियल का तेल, अतिरिक्त जैतून का तेल, और जामुन जैसे अंगूर, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी। गेहूं या चावल का सेवन सीमित या कम करें क्योंकि ये कफ को बढ़ाते हैं।
अपने आहार में दालचीनी, लहसुन और मेथी जैसी जड़ी-बूटियों को शामिल करें। हर्बल चाय जैसे स्पीयरमिंट टी या ग्रीन टी पिएं। धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों से बचें क्योंकि ये मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करते हैं।
PCOS के इलाज के लिए उपयोगी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
PCOS का इलाज मुख्य रूप से औरतों के Reproduction system को मजबूत करने, इंसुलिन प्रतिरोध को नियंत्रित करने और हार्मोन बैलेंस पर काम करता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां ओवरी सिस्ट (Ovary-Cyst) के कारण होने वाली सूजन को दूर करने में मदद करती हैं। कुछ जड़ी-बूटियाँ Indigestion, वजन बढ़ना, इंसुलिन का कम बनना आदि दिक्कतों में बढ़िया काम करती हैं। संक्षेप में, ये हर्बल दवाएं एलोपैथिक उपचार में दवाओं के समान कार्य करती हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से एलोपैथिक दवाओं जैसा कोई भी दुष्प्रभाव शरीर नहीं होता।
नीचे कुछ जड़ी-बूटियां दी गई हैं जो PCOS के उपचार में मदद करती हैं। कृप्या पढने से पहले ये जरूर समझ ले की ये सिर्फ जानकारी के लिए है किसी भी अयुरवेदिक Herb को शुरू करने से पहले Expert से राय जरूर करें।
1. शतावरी (Asparagus Racemosus)
शतावरी विटामिन ए, बी1, बी2, सी, ई, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम और आयरन जैसे खनिजों का एक समृद्ध स्रोत है। इनकी उपस्थिति इस जड़ी बूटी को एक संपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट बनाती है जो महिलाओं में प्रजनन प्रणाली की रक्षा करती है। यह डायबिटीज को होने से रोकती है और शरीर में insulin sensitivity में सुधार करने में भी मदद करता है। इसके साथ यह प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
Kanchnar Guggulu कंचनर गुग्गुलु
कन्ंचनार गुग्गुलु एक आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूलेशन है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के उपचार में किया जाता है। यह शक्तिशाली herb शरीर से toxins और कचरे को खत्म करने में सहायता करता है। Kanchnar Guggulu का उपयोग PCOS के इलाज के लिए किया जाता है, मासिक धर्म संबंधी विकारों जैसे ओव्यूलेशन, एमेनोरिया और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करता है, और वजन घटाने को भी बढ़ावा देता है।
2. दालचीनी (Cinnamomum Zeylanicum)
दालचीनी में न केवल एक ताज़ा सुगंध और स्वाद होता है, बल्कि यह Blood Sugar के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। यह fertility को बढ़ाने और insulin sensitivity में सुधार करता है। दालचीनी पाउडर का उपयोग 1-6 ग्राम तक किया जा सकता है।
3. वरुण Varuna
वरुण एक अविश्वसनीय जड़ी बूटी है जो सिस्ट के आकार को कम करती है और मासिक धर्म चक्र को सामान्य करती है।
4. Pippali पिप्पली
पिप्पली एक मजबूत कायाकल्प, कार्मिनेटिव और एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में free radicals से होने वाले नुकसान को कम करता है और स्वस्थ कोशिकाओं के ऑक्सीडेशन को रोकता है। Pippali पिप्पली हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है।
5. Bilva बिल्व
बिल्व महत्वपूर्ण पोषक तत्वों और बायोएक्टिव यौगिकों से भरपूर होता है जो सिस्ट के आकार को कम करने में मदद करता है और PCOS के कारण होने वाले dysfunctional uterine bleeding का इलाज करता है।
6. गुडुची गिलोय (Tinospora Cordifolia)
PCOS का एक कारण शरीर में इन्सुलिन के अनियमित होना भी है। इसलिए गुडूची या गिलोय इसमें बहुत लाभदायक है, यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके इलावा गुडूची महिलाओं में सेक्स ड्राइव और immunity को बढ़ाने में काफी उपयोगी है। गुडूची का उपयोग लिवर रोगों जैसे हेपेटाइटिस के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है।
7. विभीतकी या बहेड़ा Vibhitaki (Terminalia Belerica)
बहेड़ा PCOS रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं, जो शरीर का Digestion metabolism ठीक रखता है। बहेड़ा विभीतकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर है। इसके अतिरिक्त, यह पाचन संबंधी दिक्कतों को भी कम करता है।
8. अशोक (Saraca Indica)
अशोक महिलाओं के लिए बहुत अच्छा herb है। यह एंडोमेट्रियम (महिलाओं के uterus की अन्दर की lining) की मरम्मत करता है और किसी भी प्रकार की सूजन के कारण हुए नुकसान को ठीक करता है। यह महिलाओं में estrogen एस्ट्रोजन के स्तर को नियमित करता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-फंगल गुण हैं जो urinary tract को बैक्टीरिया और फंगल (विशेषकर कैंडिडा एक तरह की फफूंद) इन्फेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
9. गुडमार Gymnema sylvestre (Gymnema)
Gynmena को anti-diabetic, hypoglycemic, lipid-lowering और वजन घटाने के समर्थक के रूप में जाना जाता है। लंबे समय तक उपयोग शरीर में प्राकृतिक इंसुलिन उत्पादन में वृद्धि कर सकता है। इसकी इंसुलिन मॉड्यूलेटिंग गतिविधि, ट्राइग्लिसराइड-कम करने वाले प्रभावों और आंत में ग्लूकोज के अवशोषण को बाधित करने की क्षमता के कारण जिमनेमा PCOS में बहुत फायदेमंद है। रिसर्च से पता चलता है कि Gymnema PCOS के लिए मेटफॉर्मिन(शुगर कम करने के दवा) की तरह ही प्रभावी है और इसका कोई साइड-इफ़ेक्ट भी नहीं हैं।
10. पुनर्नवा Punarnava
पुनर्नवा में बहुत से विशिष्ट औषधीय गुण होते है जो महिलाओं में Reprodction हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है हार्मोनल अनियमितता को खत्म करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, इंसुलिन resistance में सुधार करने और PCOS का इलाज करने में सहायक है।
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