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भारत में तबाही मचा रहा Corona “B 1.617” Variant – क्या वैक्सीन करेगी काम?

Corona B.1.617 Variant
1 May

भारत में तबाही मचा रहा Corona “B 1.617” Variant – क्या वैक्सीन करेगी काम?

भारत में पाया गया Corona B.1.617 Variant पूरे विश्व के corona इन्फेक्शन में सबसे तेज वृद्धि के लिए अपना रिकॉर्ड बना रहा है। हालाँकि इस वैरिएंट की पुष्टि आज से तकरीबन 6 महीने पहले हो चुकी है और ये अब तक 17 देशों में मिल चुका है। इस वैरिएंट में खास बात ये है की इसमें corona के 2 वैरिएंट मिक्स हो चुके हैं जो इसे और घातक बना रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि B.1.617 का प्रथम वैरिएंटअक्टूबर 2020 में UK में देखा गया था जबकि भारत में इसकी पहचान दिसंबर में हुई है। भारत के महाराष्ट्र और दिल्ली में तबाही मचने वाला यही variant है।

What is Corona B.1.617 Variant?

वायरलॉजिस्ट शाहिद जमील के अनुसार SARS-CoV-2 के B.1.617 वैरिएंट में दो अलग अलग mutation, E484Q और L452R हैं। अब तक मिले corona variants में दोनों अलग-अलग ही देखने को मिले हैं, लेकिन भारत में पहली बार ये दोनों वैरिएंट एक साथ रिपोर्ट किए गए हैं।

Corona B.1.617 Variantये दोनों mutation variant वायरस के स्पाइक प्रोटीन में पाए जाते हैं। स्पाइक प्रोटीन में पाया गया ये mutation वायरस को body cells (कोशिकाओं) के रिसेप्टर्स के साथ मिलकर शरीर में प्रवेश पाने में मदद करता है।

E484Q mutation E484K के समान है, जो UK यूनाइटेड किंगडम (वंश B.1.1.7) और दक्षिण अफ्रीका (B.1.351) कोरोनवायरस के वेरिएंट में पाया गया एक mutation है।

L452R mutation कैलिफोर्निया में तेजी से फैलने वाले वेरिएंट (B.1.427 और B.1.429) में पाया गया है। यह body cells के ACE2 रिसेप्टर्स के साथ मिलकर कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन की binding Power को बढ़ा देता है, जिससे वायरस की बाहरी प्रोटीन परत टूटनी मुश्किल हो जाती है जो Virus को अधिक संक्रामक बना देती है। यही वजह है की L452R शरीर में इन्फेक्शन को बढ़ा देता है।

इसलिए दोनों वैरिएंट का combination “E484Q” और “L452R” अधिक संक्रामक और खतरनाक हैं, ये अपने आपको को शरीर की एंटीबाडी से बचा के रखने की क्षमता रखते हैं।

क्यों है इतना ख़तरनाक वैरिएंट Why Corona B.1.617 Variant is dangerous?

University of Washington में Disease Modeller करने वाले Chris Murray का मानना है की Corona B.1.617 Variant में नेचुरल इम्यूनिटी (प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) को नजरअंदाज करने की क्षमता है। जिस वजह से उन्होंने इसे एस्केप वैरिएंट “Escape Variant” भी बताया।

Corona B.1.617 Variant

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रोम के Rome’s Bambino Gesù Hospital बाम्बो गेसो अस्पताल में माइक्रोबायोलॉजी और इम्यूनोलॉजी डायग्नोस्टिक्स के प्रमुख Carlo Federico Perno ने कहा कि तबाही मचाने वाला भारतीय variant के घातक होने की वजह भारत में होने वाले बड़े सामूहिक भीड़ वाले कर्यक्रम भी है, जिसकी वजह से ये व्यापक तौर पर फैल गया।

Corona B.1.617 Variant in Maharashtra & Delhi

Corona B.1.617 Variant

National Centre for Disease Control नेशनल सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल के डायरेक्टर सुजीत कुमार सिंह के अनुसार दिल्ली -महाराष्ट्र में वर्तमान संक्रमण के पीछे Corona B.1.617 Variant है।

केंद्र सरकार द्वारा किए गए नमूनों की जाँच में मार्च शुरू में महाराष्ट्र में 15-20 प्रतिशत नमूनों में ये वैरिएंट था। जो अप्रैल के अंत तक, 50 प्रतिशत से अधिक नमूनों में पाया गया।

कैसे मिलेगी राहत इस वैरिएंट से Expert Opinions

व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार एंथोनी फौसी ने कहा कि लैब अध्ययनों से प्रारंभिक साक्ष्य के अनुसार, वैक्सीन vaccine Covaxin इस वैरिएंट को बेअसर करने में अच्छे परिणाम दे चुकी है।

इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ विनीता बाल Immunologist Dr Vineeta Bal का कहना है कि इस माहौल में वैक्सीन लगाने का कार्य और ज्यादा गति से करना चाहिए । ऐसा करना आपको वायरस के खिलाफ लड़ने में सुरक्षा देगा चाहे वो साधारण mutation हो या डबल mutation वाला Corona B.1.617 Variant।

इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा कि कोविशिल्ड और कोवाक्सिन दोनों Corona B.1.617 Variant के खिलाफ प्रभावकारिता रखते है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारतीय तनाव को “variant of interest” के रूप में वर्णित किया और सुझाव दिया कि mutation की वजह से ये इस वैरिएंट को अधिक परिवर्तनीय बनाता है।

Jagdish Singh

Blogger

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