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क्या अंकुरित आलू धीमा जहर है? Causes Gastrointestinal and Neurological Disorders

Sprouted potatoes अंकुरित आलू
23 Apr

क्या अंकुरित आलू धीमा जहर है? Causes Gastrointestinal and Neurological Disorders

अंकुरित आलू :- आलू एक ऐसी सब्जी है जो किसी के भी साथ मिक्स हो जाता है। विश्व में सब जगह आलू पाया जाता है, और इसे हर किसी न किसी रूप में उपयोग किया जाता है। कई बार हम आलू एक साथ खरीद कर रख लेते हैं और कुछ दिनों के बाद इसमें से जड़ें निकल जाती हैं।

कुछ लोग मानते हैं की अंकुरित आलू खाने से कोई नुकसान नहीं होता ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। और कुछ लोग इसे खाना शरीर के लिए जहरीला मानते हैं। तो आज हम ये जानेंगे की आलू जब अंकुरित हो जाये तो क्यों ये एक धीमा जहर बन जाता है। बिल्कुल सही, आलू अगर अंकुरित कंडीशन में पहुँच जाये तो हमारी सेहत के लिए सही नहीं है।

क्यों नहीं खाना चाहिए अंकुरित आलू ?

आलू सोलनिन का एक प्राकृतिक स्रोत है। टमाटर और बैंगन की तरह ही आलू में ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड (α-solanine and α-chaconine) स्वाभाविक रूप से होते हैं, पर इसकी मात्रा आलू में ज्यादा होती हैं। ग्लाइकोकलॉइड्स में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हैं। लेकिन ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड का अधिक मात्रा में सेवन toxic असर दिखा सकता है।

What is Glycoalkoloids Compound in Potato?

अंकुरित आलू में ग्लाइकोकलॉइड की मात्रा बढ़ने लगती है। अब न चाहते हुए भी अंकुरित आलू खाने से आपके शारीर में ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड (α-solanine and α-chaconine) की अत्यधिक मात्रा पहुँच जाती है। इसके विपरीत लक्ष्ण आपको अंकुरित आलू खाने के कुछ घंटों से लेकर एक दिन तक सामने आ सकते हैं जैसे आमतौर पर मतली, दस्त और पेट में दर्द होता है इसके आम लक्षण हैं। अधिक मात्रा में सेवन High BP रक्तचाप, सिरदर्द, बुखार से पीड़ित कर सकता है।

आलू  का अंकुरण एक प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया से है जिसमें आलु का कार्बोहाइड्रेट स्टार्च शुगर में बदलने लगता है। इस रसायनीक प्रक्रिया के दौरान सोलानिन और अल्फा कैकोनिन नाम कंपाउंड अत्याधिक बढ़ जाते हैं ।

कितनी मात्रा है हानिकारक

अगर आप साधारण 100 ग्राम आलू का सेवन करते हैं तो आपको ग्लाइकोकलॉइड (α-solanine and α-chaconine) की मात्रा 7.5 mg मिलती है। लगभग 20 mg ग्लाइकोकलॉइड कम्पाउंड (α-solanine and α-chaconine) खाना से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन जब आलू अंकुरित हो जाते हैं तो ये कंपाउंड अत्याधिक बढ जाते हैं जो की शरीर में gastrointestinal and neurological disorders पैदा करते हैं।

α-solanine and α-chaconine

सोलानीन और अल्फा कैकोनीन का ज्यादा सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। ये हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अक्सर अंकुरित आलू खाने से Food Poisoning फ़ूड पोइज़निंग का खतरा बना रहता है। इसलिए कोशिश करें की घर में रखे आलू वक्त रहते इस्तेमाल करलें और बाज़ार से खरीदने भी जाएँ तो ताज़े आलू खरीद कर लायें।

रिसर्च के अनुसार प्रेगनेंसी/गर्भावस्था के दौरान अंकुरित आलू का सेवन, जन्म दोष के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अंकुरित आलू नहीं खाने चाहिए।

कैसे बचाएं आलू को अंकुरित होने से

  • आलू को स्टोर करने से पहले ख़राब आलू को अलग कर दीजिए क्योंकि एक ख़राब आलू, दूसरे आलुओं को संक्रमित कर सकता हैं।
  • स्टोर करने से पहले कभी भी आलुओं को धोना नहीं चाहिए। इससे आलू में नमी रह जाएगी और वे जल्दी ख़राब हो जायेंगे।
  • आलू को हमेशा सूखी जगह और अंधेरे में रखना चाहिए।
  • ब्राउन पेपर बैग में आलू कई दिनों तक अच्छे रहते हैं। अगर हो सके तो आलूओं को ब्राउन कलर के बैग में लपेट कर रखिये, ध्यान रखें की ज्यादा टाइट करके न रखें उन्हें थोड़ी हवा मिलती रहनी चाहिए।
  • नये और पुराने आलूओं को एक साथ मिक्स नहीं करना चाहिए।
  • ब्राउन पेपर बैग नहीं हैं तो अख़बार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Jagdish Singh

Blogger

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