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Home Remedies for Piles (Haemorrhoids): बवासीर (पाइल्स) के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज और परहेज

Home Remedies for Piles बवासीर का इलाज
9 Apr

Home Remedies for Piles (Haemorrhoids): बवासीर (पाइल्स) के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज और परहेज

Home Remedies for Piles (Haemorrhoids) : बवासीर या Piles या Haemorrhoids की बीमारी में मरीज को बेहद तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसमें गुदा (Anus) के आन्तरिक और बाह्य तथा मलाशय (गुदाद्वार) (Rectum) के निचले भाग में सूजन आ जाती है। आइये जानते हैं कैसे करें बवासीर का इलाज ।

इसी कारण गुदा (Anus) के अन्दर या बाहर, किसी भी एक जगह पर मस्से उभर जाते हैं। तकरीबन 60 प्रतिशत  लोगों जीवन में कभी न कभी इस समस्या से दो चार होना पड़ता है। अगर शुरुआत में ही इसका सही उपचार शुरू कर दिया जाये तो ये गंभीर रूप नहीं लेता। लेख में संक्षेप में बवासीर के घरेलु उपचारों (Home Remedies for Piles (Haemorrhoids) के बारे में बताया गया है।

(Piles (Hemorrhoids) Types) बवासीर मुख्यत दो प्रकार की होती हैं,

खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में रोगी को कोई दर्द नहीं होता परन्तु मलत्याग करते समय उसे खून आता है । खुनी बवासीर में गुदा (Anus) के अन्दर मस्से होते हैं जिनसे मलत्याग के वक्त खून मल के साथ साथ टपकता है, या धार के साथ पिचकारी के रूप में आता है।

जैसे ही रोगी मल त्यागता है उसके बाद मस्से अपने आप अन्दर चले जाते हैं। ज्यादा गंभीर स्थिति में मस्से हाथों से भी जब अन्दर नहीं जाते तो इस अवस्था में मरीज को तुरंत इसका उपचार करवाना चाहिए।

बादी बवासीर

बादी बवासीर तब होती है जब पेट में बहुत लम्बे समय तक कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहे । इस प्रकार की बवासीर में मस्सों से खून नही आता। यह बाहर की तरफ होते हैं जिनमें बार बार खुजली जलन की समस्या बनी रहती है। शुरू में ये मस्से तकलीफ नहीं देते लेकिन लगातार गलत खान पान या तीखा मसालेदार खाना खाने से ये बड़े या फूल जाते हैं । जिससे इनमें खून इकठ्ठा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।

इस तरह की बवासीर में रोगी को मलत्याग और उसके बाद असहनीय दर्द तथा तकलीफ़ महसूस होती है। इस बवासीर में रोगी को चलने फिरने बैठने आदि में दिक्कत होती है ।

बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles or Haemorrhoids)

सामान्यत बवासीर की समस्या 4-5 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन यदि रोग बढ़ना शुरू हो जाये तो ये लक्षण देखे जा सकते हैंः-

  • रोगी को Anus/Rectum/ या गुदाद्वार के पास कठोर गांठें महसूस होती है। जिसमें से खून के साथ दर्द भी होता है।
  • यदि रोगी को शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास हो।
  • यदि रोगी को शौच के समय जलन हो और खून आये।
  • टॉयलेट जाते वक्त अत्याधिक दर्द महसूस होना
  • गुदाद्वार के आस-पास लालिमा/ खुजली, व सूजन रहना।
  • बार बार टॉयलेट जाने की इच्छा होने पर भी पेट साफ़ न हो

अगर आपको ऐसे लक्षण दिखें तो आपको बिलकुल भी लापरवाही नही करनी चाहिए। जल्द से जल्द पाइल्स का इलाज कराएं।

Piles (Hemorrhoids) होने का कारण

बवासीर का कारण वात पित्त और कफ़ तीनों के दूषित होने को मन गया है, इसी वजह से इसे त्रिदोषज रोग भी कहा जाता है। आयुर्वेद में बवासीर को ‘अर्श’ भी कहा गया है। इसमें अत्याधिक पीड़ा होती है। जब बवासीर में कफ़ या वात ज्यादा दूषित वो शुष्क अर्श कहलाता है इसमें से रक्त-स्राव नहीं होता है। जिस अर्श / बवासीर में पित्त या रक्तपित्त दूषित हो उसे आर्द्र अर्श कहते हैं। इसमें से मस्सों से रक्तस्राव होता है।

अनुवांशिक

ये जरूरी नहीं की आपको ये समस्या किसी बीमारी या लापरवाही से हो कई बार ये अनुवांशिक समस्या भी हो सकती है। इसलिए यदि परिवार में किसी को यह समस्या हो, तो आपको भी सचेत होना जरूरी है। बहुत पुरानी बवासीर की समस्या भगन्दर का रूप धारण कर लेती है जिसे मेडिकल भाषा में फिस्टुला (Fistula) भी कहते हैं। इस प्रकार के रोगी को असहनीय जलन और पीड़ा होती है ।

कुछ अन्य कारण जिसकी वजह से बवासीर रोग होता है :-

बहुत लम्बे समय तक खड़े रहने से जैसे सफ़र में, दफ्तर के काम में या अन्य किसी वजह से । जिन लोगों का काम भारी वजन उठाने का हो तो उनमें भी बवासीर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है।

लम्बे समय से रहने वाली कब्ज या गैस भी बवासीर का एक प्रमुख कारण है। कब्ज की वजह से मल सूखा एवं कठोर हो जाता है, जिससे रोगी को मलत्याग करने में कठिनाई होती है। टॉयलेट में बहुत देर तक उकड़ू बैठे रहना पड़ता है। काफी देर बैठे रहने से रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है, जिससे वह फूलकर लटक जाती है, जिनसे मस्से का निर्माण हो जाता है।

  • जंक फ़ूड के सेवन से जैसे बहुत ज्यादा तला एवं मिर्च-मसाले वाला भोजन करना।
  • भोजन में फाइबर  की कमी होना ।
  • प्रसव के दौरान पड़ने वाला अत्याधिक दबाव से महिलाओं में भी बवासीर की दिक्कत हो सकती है
  • शारीरिक श्रम न करने की वजह से ज्यादा आलस्य
  • स्मोकिंग / धूम्रपान और शराब /अल्कोहल का सेवन।
  • अवसाद / तनाव / Stress

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बवासीर और भगन्दर में अन्तर (Difference between Piles and Fistula)

बवासीर को रोग की प्रारम्भिक स्टेज कहा जा सकता है जिसमें गुदा एवं मलाशय के निचले हिस्से की रक्तवाहिनियों में सूजन हो जाती है। जिसकी वजह लम्बे समय की कब्ज़ या  टॉयलेट में बहुत देर तक बैठे रहने से होता है। बवासीर में गुदा या मलाशय में मस्से बनते हैं , जो बाद में फूटने के कारण इनसे खून निकलता है, और दर्द होता है।

भगन्दर  बवासीर का विकृत रूप है जिसमें मस्से वाली जगह पर पूरी एक घावयुक्त नली बन जाती है, जो गुदा नलिका (internal opening) तथा गुदा के बाहर (external opening) की तरफ में होती है।

भगन्दर में मलद्वार के पास कोई फोड़ा हो जाता है। जिसमें से कई मुंह बन जाते है। ऐसे में यदि रोगी फोड़े से  छेड़छाड़ करता है तो भगन्दर हो जाता है। भगंदर से खून और मवाद लगातार बनकर निकलता रहता है। शुरुआत में मवाद की मात्रा कम होती है लेकिन बाद में ये खुजली और इन्फेक्शन से बढती हुई गंभीर हो जाती है, जिससे रोगी के कपडे भी अक्सर ख़राब हो जाते हैं ।

(Home Remedies for Piles (Haemorrhoids) Treatment)  बवासीर के घरेलु ईलाज

बवासीर का इलाज एलोवेरा से  (Use Aloevera for Piles Treatment in Hindi)

जलन कम करने के लिए एलोवेरा का जेल बहुत ही अच्छा विकल्प है, क्योंकि एलोवेरा जेल में  सूजनरोधक और औषधीय गुण भरपूर हैं। एलोवेरा का रस कब्ज़ में भी राहत देता हैं। यह आंतरिक Internal और बाह्य External दोनों पाइल्स के इलाज में फायदेमंद है। जलन कम करने के लिए एलोवेरा जेल को मस्सों पर हलके हाथ से लगायें और एलोवेरा का रस का सेवन करें, इससे कब्ज नहीं (Bavasir ka upchar) होगी और मलत्यागने में आसानी होगी।

बवासीर का इलाज सेब का सिरके से (Apple Vinegar for Piles Treatment in Hindi)

खूनी बवासीर के इलाज के लिए एक गिलास नार्मल पानी में सेब के सिरके का एक चम्मच दिन में दो बार पिएं। सेब के सिरके में कषाय गुण होते हैं जिससे यह रक्तवाहिनियों को सिकोड़ने में मदद करता है। अगर बादी बवासीर हो तो सेब के सिरके में रुई भिगोकर इसे गुदा में रखने से जलन और खुजली से राहत मिलेगी।

बवासीर का इलाज जैतून के तेल से (Olive Oils : Home Remedy for Piles Treatment in Hindi)

जैतून का तेल सूजनरोधी होता है इसे मस्सों पर लगाने से ये यह रक्तवाहिकाओं में आई सूजन को कम करेगा।

बवासीर का इलाज बादाम के तेल से (Almond OIll : Home Remedies for Piles Hemorrhoids Treatment in Hindi)
अगर आप घर पर बनाया हुआ बादाम का तेल रूई से मस्सों पर लगाये तो यह मस्सों की सूजन और जलन को कम करता है।

बवासीर का इलाज नारियल की राख से  (Coconut : Home Remedies for Piles Hemorrhoids Treatment in Hindi)

नारियल को छीलने के बाद जो जटाओं बचती है उनको जलाकर राख या भस्म बना लें, आधा या एक चम्मच राख  ताजे मट्ठे में डालकर  सुबह खाली पेट नियमित रूप से पिएं। नारियल की राख एक्टिव चारकोल का काम करती है जो पेट की सफाई के लिए बहुत ही बेहतर होता है।

बवासीर का इलाज अंजीर से (Ajneer : Home Remedies to Cure Hemorrhoids in Hindi)

तीन से चार अंजीर एक गिलास पानी में भिगों कर सुबह उठते है खाली पेट इसका सेवन करें, इस पानी को भी पिएं।

बवासीर का इलाज जीरे से (Jeera : Home Remedies to Cure Hemorrhoids in Hindi)

बादी बवासीर में अगर ज्यादा दर्द और जलन हो तो आप जीरो को सादे पानी में हल्का सा पीस कर लेप बना लें और इस लेप को मस्सों में लगायें, ऐसा करने से जलन से राहत मिलेगी।

खूनी बवासीर में  भुने हुए जीरे को मिश्री के साथ पीस लें। दिन में 2-3 बार 1-2 ग्राम की मात्रा मट्ठे के साथ लें।
Jeera benefits for hemorrhoids

बवासीर का इलाज नींबू के इस्तेमाल से (Use of Lemon to Cure Piles in Hindi)

नींबू के रस को अदरक और शहद के साथ मिलकर सेवन करें। इससे पाइल्स में फायदा पहुँचता है।

बवासीर का इलाज मट्ठा और अजवायन के सेवन से (Whey and Oregano : Home Remedies for Piles Treatment of Haemorrhoids in Hindi)

मट्ठा को बवासीर में अमृत के समान माना जाता है । एक चौथाई अजवायन पाउडर को एक गिलास छाछ मिक्स कर लें साथ में काला नमक भी मिलाकर रोजाना दोपहर के खाने में सेवन करें। इससे आपको बवासीर में आराम मिलेगा।

बवासीर का इलाज पपीते से (Benefits of Papaya in Piles Disease in Hindi)

अगर आपको कब्ज़ की समस्या रहती है तो रात के भोजन में पपीता खाएं। इससे आपको मल सहज पास होगा और दर्द से राहत भी मिलेगी।

बवासीर के लिए डाइट (Your Diet in Piles or Haemorrhoids)

  • फाइबरयुक्त भोजन खाएं जिसमें रेशेदार फल एवं सब्जियाँ शामिल हों ।
  • 7-8 गिलास पानी पिएं।
  • छाछ का सेवन करें।
  • नियमित रूप से Exercise एवं प्राणायाम करें।
  • ज्यादा देर तक एक ही जगह पर ना बैठे रहें।

बवासीर में परहेज (Avoid These in Piles or Hemorrhoids)

बवासीर से पीड़ित रोगी को तला-भुना एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए ।

सवाल जवाब 

क्या सर्जरी करवाकर बवासीर का इलाज हो सकता है ?

सर्जरी से बवासीर का ईलाज किया जा सकता है परन्तु अगर आप अपना खान पान और जीवनशैली में बदलाव करें तो इसे शुरुआती चरणों में ही रोका जा सकता है ।

क्या बवासीर से cancer जैसी बीमारी हो सकती है ?

लम्बे वक्त तक बवासीर की दिक्कत होने से और सही उपचार न करवाने से यह कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) का रूप भी धारण कर सकती है। इसलिए लक्षण आते ही सावधानी पूर्वक बवासीर का उपचार (Bavasir ka upchar) कराएं।

क्या सर्जरी करवाने के बाद बवासीर दोबारा हो सकती है?

जी हाँ, सर्जरी करवाने के बाद ये दोबारा हो सकता है, इसलिए घरेलू उपचार और बेहतर जीवनशैली अपनाना चाहिए। इसलिए बवासीर के दौरान खान पान का पूरा ध्यान रखना चाहिए ।

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Jagdish Singh

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