logo
This is Photoshop's version of Lorem Ipsum. Proin gravida nibh vel velit auctor aliquet. Aenean sollicitudin, lorem quis bibendum auctornisi elit consequat
Latest Posts
+91 9501900927
diagnosetocure @ gmail.com
FOLLOW US:
1-677-124-44227
Top
 

PCOD के लक्षण क्या हैं और पीसीओडी का घरेलू इलाज कैसे कर सकते हैं?

पीसीओडी PCOD के लक्षण
12 Mar

PCOD के लक्षण क्या हैं और पीसीओडी का घरेलू इलाज कैसे कर सकते हैं?

पीसीओडी PCOD के लक्षण:  महिलाओं को अपने जीवन में कई तरह की शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। जिसमें से एक है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), जिसे पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) भी कहा जाता है। यह महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है।

वहीं, आजकल यह बिमारी किशोरियों (teenagers) में भी देखने को मिल रही है। आंकड़ों की माने तो 6-10 प्रतिशत महिलाऐं इसकी चपेट में आ जाती है। आज हम इस लेख में जानेंगे पीसीओडी का घरेलू उपचार (PCOD Ka Gharelu Upchar), PCOD के कारण (PCOD Ke Karan), PCOD के लक्षण (PCOD Ke Lakshan).

पीसीओडी PCOD क्या होता है?: (PCOD Kya Hota Hai)

महिलाओं को यह बीमारी प्रजनन हार्मोंस (Reproductive Hormone) के संतुलन में गड़बड़ी व मेटाबॉलिज्म खराब होने पर होती है। हार्मोंस असंतुलित होने से मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) प्रभावित होता है।

आज हम आपको पीसीओडी का घरेलू उपचार बताने जा रहे है। ऐसा देखा गया है कि सामान्य स्थिति में हर माह पीरियड्स के बाद ओवरी (अंडाशय) में अंडाणुओं का निर्माण होता है और बाहर निकलते हैं। वहीं, पीसीओडी (PCOD) की स्थिति में ये अंडाणु ना तो पूरी तरह से विकसित हो पाते हैं और ना ही बाहर निकल पाते हैं।

पीसीओडी PCOD के लक्षण: PCOD Symptoms

  • अनियमित पीरियड्स होना या फिर बिल्कुल बंद हो जाना।
  • योनि से अधिक मात्रा में रक्तस्राव होना।
  • सामान्य परिस्थितियों में अंडों के विकसित होने के बाद, अंडाशय प्रोजेस्ट्रोन उत्पन्न करते हैं। इसके बाद प्रोजेस्ट्रोन का स्तर कम होता है और गर्भाश्य की परत हल्की हो जाती है, तो पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। वहीं, अंडों के विकसित ना होने पर गर्भाश्य की परत मोटी होने लगती है, जिसे हाइपरप्लासिया कहते हैं। जिसके परिणामस्वरूप, महिला को अधिक व लंबे समय तक रक्तस्राव होता है।
  • तैलीय त्वचा व चेहरे पर कील-मुंहासे होना।
  • शरीर के कुछ हिस्सों की त्वचा गहरी व मोटी हो जाना। ऐसा मुख्य रूप से गर्दन, बगल में और पेट व जांघ के बीच के हिस्से में होता है।
  • जांघ, पेट, छाती व चेहरे पर तेजी से बाल बढ़ने लगते हैं।
  • टाइप-1 डायबिटीज होना।
  • वजन बढ़ना शुरू हो सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड के दौरान अंडाशय में गांठ जैसी चीजें अधिक मात्रा में नजर आ सकती हैं।

आइये जानते है पीसीओडी का घरेलू उपचार।

UTI Treatment – 8 घंटे के अंदर Urinary Tract में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने में सक्षम

पीसीओडी PCOD का घरेलू उपचार: PCOD home remedies

पीसीओडी PCOD का घरेलू उपचार के रूप में घर में रसोई में मिलनी वाली कई चीजें इस्तेमाल की जा सकती है।

दालचीनी का इस्तेमाल करें: एक चम्मच दालचीनी को एक गिलास गर्म पानी के साथ लें, तो इंसुलिन के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है।

अलसी का इस्तेमाल करें: पीसीओडी PCOD का घरेलू उपचार में आप अलसी का उपयोग कर सकते है। अलसी के बीजों को पीसने के बाद एक-दो चम्मच पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर पिएँ। इससे एंड्रोजन हार्मोंस में कमी आती है।

पुदीने की चाय पिएँ: पीसीओडी PCOD का घरेलू उपचार में आप पुदीने की चाय भी शामिल कर सकते है। एक शोध में यह पुष्टि हुई है कि पुदीने की चाय एंटी-एंड्रोजन का काम करती है। इसे पीने से पीसीओएस में राहत मिलती है। पानी में पुदीने की सूखी पत्तियाँ डालकर उबाल लें और फिर उसे छानकर पिएँ।

मेथी का इस्तेमाल करें: यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ने नहीं देती, हार्मोंस को संतुलित रखती है और मेटाबॉलिज्म में सुधार लाती है। आप तीन चम्मच मेथी के बीजों को आठ-दस घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें और फिर इन्हें पीसकर शहद के साथ दिन में तीन बार लें।

मुलेठी का इस्तेमाल करें: यह एंड्रोजन को कम करती है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करती है और मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को बेहतर करती है। प्रतिदिन सूखी मुलेठी को एक कप गर्म पानी में उबालकर पीने से लाभ मिलता है।

अगर बार बार किसी स्त्री का गर्भ गिर रहा हो तो ये टेस्ट करवाया जाता है

Jagdish Singh

Blogger

Leave a Reply:

You don't have permission to register