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Phyto 5 Natural Immunity Booster- Allergy – Viral बुखार- अस्थमा के लिए

29 May

Phyto 5 Natural Immunity Booster- Allergy – Viral बुखार- अस्थमा के लिए

“PHYTO  5”  में PHYTO का अर्थ है Plant यानि ऐसे पौधे जिनमे औषधीय गुण पाए जाते हैं, “Phyto 5” में 5 औषधीय पौधों का एक अतिविशेष मिश्रण है जिसमे इन पाँचों पौधों का अर्क इस्तेमाल किया गया है जो निम्नलिखित हैं:-

  1. अश्वगंधा
  2. गिलोय
  3. तुलसी
  4. मुलेठी
  5. अदरक

ये पाँचों पौधे पूरे विश्व में अपने विशेष चिकित्सक गुणों की वजह से इस्तेमाल में लाये जाते हैं। हमारे इस उत्पाद में हमने इनका अर्क इस्तेमाल किया है, आमतौर पर बहुत से लोग इन औषधीयों का पाउडर इस्तेमाल करते हैं, जबकि अर्क में पाउडर के मुकाबले कहीं अधिक औषधीय गुण होते हैं और वे एक एलोपथिक दवा की तरह ही असरकारक होते हैं। दूसरी वजह ये भी है की लोग अपने उत्पाद को सस्ता बेचने की वजह से भी पाउडर का इस्तेमाल करते हैं।

Phyto-5 का इस्तेमाल आप किसी भी बुखार में कर सकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया, या किसी भी अन्य बुखार में ये बहुत असरकारक है, ये इन्फेक्शन को तुरंत कम करना शुरू करता है और डेंगू जैसे बुखार में रोगी के प्लेटलेट्स काउंट्स को बढ़ाता है।

Phyto-5 को वायरल के इलावा अगर किसी को भी पुराना नज़ला या रेशे की समस्या है तो इसका इस्तेमाल करने से वो समस्या जड़ से खत्म हो सकती है। यह एक नेचुरल इम्युनिटी बूस्टर है जिस वजह से यह किसी भी इन्फेक्शन से लड़ने में शरीर को मदद करता है।

आप Phyto 5 का इस्तेमाल अपने चल रहे इलाज के साथ में भी कर सकते हैं। इसको इस्तेमाल करने से कोई side-effects नहीं है।

कृपया ध्यान दें गर्भवती महिलाएं इस्तेमाल न करें।

Benefits of Phyto 5

  • Viral Fever – Dengue, chikungunya
  • Natural Immunity Booster
  • Natural Anti-Oxidants
  • Cough Cold & Fever
  • Reduces Stress & Anxiety
  • Fight Chronic Fever & allergies
  • Improve Digestion
  • Anti-Ageing

Ashwagandha अश्वगंधा

अश्वगंधा अपने महत्वपूर्ण  स्वास्थ्य लाभों के कारण आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग होने वाली  महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक है। अश्वगंधा रोग प्रतिरक्षा को बढाता है और साथ ही साथ आपको  दीर्घायु बनाने में भी काफी उपयोगी है इसके लिए अश्वगंधा  बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक “रसायन” या हर्बल टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

अश्वगंधा Cell Mediated immunity में सुधार करके हानिकारक रोगजनकों के खिलाफ शरीर को लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से होने वाले सेल डैमेज से भी बचाते हैं। इसके अलावा,  अश्वगंधा कोर्टिसोल नामक हार्मोन के स्तर को भी कम करता है जिससे तनाव कम होता है।

Giloy गिलोय

गिलोय को आयुर्वेद में अमृता के नाम से जाना जाता है मुख्य रूप से गिलोय में  एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, इम्यून मॉड्यूलेटिंग गुण पाए जातें है और ये लीवर के लिए भी काफी उपयोगी मणि गयी है ।  गिलोय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी उपयोगी है जिससे ये कई प्रकार के  संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा में उपयोगी है।

यह मैक्रोफेज कोशिकाओं  की गतिविधि को बढाती है  जिससे किसी संक्रमण को  जल्दी ठीक होने में  में मदद मिलती है  है। यह एक बहुत ही प्राचीन  ज्वरनाशक (जो बुखार को कम करता है) जड़ी बूटी भी है। गिलोय हिस्टामाइन और ब्रैडीकाइनिन जैसे रसायनों के प्रभाव को अवरुद्ध करने का गुण भी रखती है जिससे ये  एलर्जी और कई प्रकार की सुजन को कम करने में सहायक होती है

Tulsi तुलसी

तुलसी को भारत में काफी  लंबे समय से इसके औषधीय गुणों के लिए उपयोग में लिया जाता है। जिस  कारण यह पौधा कई भारतीय घरों में देखा जाता है। तुलसी में कई प्रकार के एसेंशियल  तेल पाए जाते है, जो तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते है ।

तुलसी का एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव शरीर के सभी अंगों को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है। तुलसी के  पत्ते एक इम्युनोमोड्यूलेटर के रूप में कार्य करते हैं जो एंटीबॉडी के उत्पादन को सुधारने, बनाए रखने और बढ़ाने में काफी उपयोगी हैजिससे तुलसी कई प्रकार के संक्रमण की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Mulethi मुलेठी

आयुर्वेद के अनुसार, मुलेठी अपने रसायन (कायाकल्प) गुण के कारण जानी जाती है जिसके कारण मुलेठी  संक्रमण से लड़ने में उपयोगी सिद्ध होती है। मुलेठी में रोगाणुरोधी एजेंट होते हैं जो  बैक्टीरिया और कीटाणुओंको नष्ट करने में काफी उपयोगी होती है , जिससे मुलेठी हमे कई प्रकार की बीमारी से बचाने में उपयोगी सिद्ध होती हैं।

मुलेठी में मुख्य रूप से ग्लाइसीराइज़िन पाया जाता है जो रोगाणुरोधी एजेंट  है, जो हानिकारक रोगाणुओं के विकास को रोकता है, आगे आपको बीमारियों और संक्रमण से बचाता है। मुलेठी के पौधे की जड़ों में मौजूद एंजाइम लिम्फोसाइट्स और मैक्रोफेज के उत्पादन में मदद करते हैं जो शरीर के प्राकर्तिक डिफेन्स को बढ़ाते है और हमारे शरीर को रोगाणुओं, प्रदूषकों और एलर्जी से बचाने में उपयोगी सिद्ध होते है।

Ginger अदरक

जिंजरोल अदरक में पाया जाने वाला बायोएक्टिव कंपाउंड है। यह अदरक के अधिकांश औषधीय गुणों के लिए जिम्मेदार है।

शोध के अनुसार, जिंजरोल में शक्तिशाली सुजन रोधी  और एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव रखता है । जो  ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर करता है जो शरीर में अधिक मात्रा में मुक्त कणों के होने का परिणाम है

अदरक में पाया जाने वाला जिंजरोल संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।वास्तव में, अदरक का अर्क कई अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सक्षम है।

अदरक का अर्क  यह मसूड़े की सूजन और पीरियोडोंटाइटिस जो की एक बैक्टीरिया जनित रोग है के खिलाफ बहुत प्रभावी है। ये दोनों रोगों में मसूड़ों में सुजन हो जाती है।

ताजा अदरक Respiratory Syncytial Virus (RSV) के खिलाफ भी प्रभावी होती  है, जो श्वसन संक्रमण  का एक सामान्य कारण है।