Plasma Therapy से कैसे हो रहा है कोरोना Covid -19 का ईलाज- Complete Information
कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी Convalescent plasma therapy का अर्थ COVID 19 के इन्फेक्शन से ठीक हुए व्यक्ति से लिए गए एंटीबाडीज से है, जो लोग इस बीमारी से ठीक हो जाते है उनके ब्लड को कन्वेलेसेंट प्लाज्मा कहते है।
Covid 19 जो की एक वायरल संक्रमण है, एक वैश्विक महामारी की तरह फ़ैल चुका है. पुरा विश्व इसकी चपेट में आ गया है। कई प्रकार की दवाओं का उपयोग इसको नियंत्रण करने में किया जा रहा है, जिसमे कुछ दवाओं के काफी सकारात्मक परिणाम भी मिले है, लेकिन कोई भी दवा अभी इस वायरस को पूरी तरह खत्म करने में सक्षम सिद्ध नही हुई है।
कोरोना महामारी के ईलाज में चीन में प्लाज्मा थेरेपी के काफी सकारात्मक परिणाम देखे गये है, जिसको देखते हुए प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए एक उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा सकता है। हमारे देश भारत में भी प्लाज्मा थेरेपी के द्वारा कोरोना के ईलाज पर बहुत रिसर्च की जा रही है।
ICMR ने भी Plasma Therapy से COVID 19 से पीड़ित मरीजो के उपचार के ट्रायल की अनुमति दे दी है।
कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी convalescent plasma therapy क्या है ?
जब कोई व्यक्ति वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित हो जाता है, तो उसके शरीर में उस इन्फेक्शन से लड़ने के लिए एंटीबाडीज जो कि एक विशेष प्रोटीन है विकसित हो जाते हैं, अगर उस व्यक्ति के शरीर में प्रयाप्त मात्रा में एंटीबाडीज विकसित हो जाते हैं, तो व्यक्ति उस वायरल इन्फेक्शन से ठीक हो सकता है।
कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी Convalescent plasma therapy का अर्थ COVID 19 के इन्फेक्शन से ठीक हुए व्यक्ति से लिए गए एंटीबाडीज से है, जो लोग इस बीमारी से ठीक हो जाते है उनके ब्लड को कन्वेलेसेंट प्लाज्मा कहते है। प्लाज्मा रक्त का तरल भाग होता है।
जो लोग कोरोना वायरस के इन्फेक्शन से ठीक हो जाते है, उनके रक्त में कोरोना वायरस के असर को कम करने और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबाडीज बन जाते है। इन एंटीबाडीज को कोरोना वायरस के नये पीड़ित लोगो के शरीर में रक्त की सहायता से डालकर उनका ईलाज किया जा सकता है इस प्रकार की इस प्रकार की प्रकिया कन्वेलेसेंट Plasma Therapy कही जाती है।
कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी convalescent plasma therapy क्यों की जाती है ?
शोधकर्ताओं का मानना है, की कन्वेलेसेंट प्लाज्मा COVID 19 से पीड़ित लोगो को आपातकालीन परिस्थित में दिया जा सकता है. जिससे उन लोगो की वायरस से लड़ने की क्षमता को बढाया जा सके इसके इलावा ये उन लोगो को भी दिया जा सकता है, जो अभी अभी कोरोना से पीड़ित हुए है उनको ज्यादा बीमार होने से रोकने में भी कन्वेलेसेंट Plasma Therapy है।
जब कोरोना के मरीज किसी और ईलाज को रेस्पोंस नही देते और उनको दूसरी बीमारियाँ जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, कमजोर रोगपर्तिरोधक क्षमता या श्वास संबंधित दिक्कत इत्यादि होता है जिससे किसी जरुरी अंग में फ़ैलने का डर हो सकता है, तब कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग एक उम्मीद के रूप में किया जा सकता है।
प्लाज्मा कौन दे सकते है ?
US FDA के अनुसार जिनको कोरोना वायरस पूरी तरह से ठीक हुए कम से कम 2 सप्ताह हो गये हो उनका लेबोरेटरी टेस्ट भी किया जाता है उसके साथ कई और भी डोनर क्राइटेरिया को पूरा करना अवश्यक होता है।
व्यक्ति जो प्लाज्मा डोनेट नही कर सकते
- HIV पॉजिटिव
- कैरिअर हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी
- HTLV पॉजिटिव
- जिसको पहले कभी सिफलिस हुआ हो या ईलाज लिया हो
- जिसमे बॉडीबिल्डिंग के लिए दवाओं का सेवन किया हो या नशीली दवाओं का सेवन किया हो
Convalescent plasma therapy for covid-19 के क्या रिस्क हो सकते है ?
कन्वेलेसेंट Plasma Therapy में कुछ रिस्क हो सकते है जैसे:-
- एलर्जिक
- फेफड़ो की समस्या जैसे साँस लेने में दिक्कत
- कुछ इन्फेक्शन ट्रांसमिट हो सकते है जैसे HIV, हेपेटाइटिस B, और हेपेटाइटिस B
बहुत से लोगों में कोई लक्षण नही होता है कुछ लोगों में कई बार सामान्य लक्षण और कुछ में बहुत घातक जानलेवा समस्या भी हो सकती है।
वैसे तो कन्वेलेसेंट Plasma Therapy काफी सुरक्षित मानी जाती है, क्योकि इसमें एक पूरा प्रोटोकॉल उपयोग लिया जाता है, जो भी रक्त उपयोग में लिया जाता है वो पूरी तरह टेस्ट किया जाता है उस रक्त से रक्त कोशिकाओं को अलग किया जाता है फिर सिर्फ प्लाज्मा और एंटीबाडीज ही बचते है जो उपयोगी होते है।
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क्या करना है
अगर आप COVID 19 से पीड़ित हो और हॉस्पिटल में Admit हो तो आप डॉक्टर ये निर्णय लेगा की आपके लिए कन्वेलेसेंट Plasma Therapy कितनी सुरक्षित है फिर आपके ब्लड ग्रुप और ब्लड के हिसाब से कन्वेलेसेंट प्लाज्मा मंगवाया जाता है।
convalescent plasma therapy for covid-19
कन्वेलेसेंट Plasma Therapy से पहले आपकी हेल्थ केयर टीम आपको तैयार करती है आपके बाजु की नस यानि रक्तवाहिनी में एक आई वी लाइन लगाई जाती है, फिर प्लाज्मा को उस आई वी लाइन के द्वारा आपके शरीर में डाला जाता है, जैसे ड्रिप लगाई जाती है ठीक उसी प्रकार, इसमें लगभग 2 से 3 घंटो का समय लगता है क्योकि कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी एक प्रकार की ट्रायल की प्रकिया है। प्रकिया पूरी होने के बाद भी काफी मोनिटरिंग की जाती है आपका डॉक्टर आपकी ईलाज के प्रति रेस्पोंसे को रिकॉर्ड करता है और वो ये भी देखता है को ईलाज के दौरान आपको और वेंटिलेशन या अन्य लाइफ सपोर्ट की जरुरत है या नही।
निष्कर्ष Results
प्राथमिक रूप से कन्वेलेसेंट Plasma Therapy काफी उपयोगी लगती है। लेकिन अभी ये पुख्ता नही है की कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी कोरोना के ईलाज कितनी ज्यादा प्रभावकारी है, की ये कोरोना को पूरी तरह समाप्त कर सकता है या नही लेकिन ये ईलाज आपको कोरोना से लड़ने और कोरोना से रिकवर होने में काफी उपयोगी हो सकता है।
भारत में कन्वेलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी का भविष्य
भारत की राजधानी DELHI में कन्वेलेसेंट Plasma Therapy पर काफी रिसर्च की जा रही है, वह पर काफी सकारात्मक परिणाम भी मिले है जिसके चलते 2 जुलाई 2020 को DELHI में भारत का पहला प्लाज्मा बैंक कोरोना मरीजो के लिए शुरू किया गया है।
COPAL-19 APP
AIIMS के Doctors की टीम और IIT DELHI के स्टूडेंट्स ने एक विशेष APP COPAL-19 को बनाया है, जिसकी सहायता से प्लाज्मा डोनर जो कोरोना से रिकवर हो चुका है का आसानी से पता लगाया जा सकता है जिससे डोनर और मरीजों की एक लिस्ट बनाई जा सकती है, जिससे मरीजों के ब्लड ग्रुप के अनुसार ब्लड की मांग को पूरा किया जा सकता है, ताकि उस ब्लड को प्लाज्मा थेरेपी में उपयोग किया जा सके ये प्लाज्मा डोनर और मरीजो में सामंजस्य बैठाने में उपयोगी सिद्ध हो सकती है ।